Wednesday, December 29, 2010

मौजूदा स्थिति

हमारे सालाना संकल्प, अल्बत्रोस पक्षी की तरह होते हैं ,

इन्हें दोबारा उत्पन्न होना बहुत अच्छे से आता है , पर ..

अंतर है तो सिर्फ समय का , एक तरफ ये पक्षी सालों बाद जान दे देता है

और दूसरी तरफ, हमारे संकल्प कुछ हफ्तों बाद ही दम तोड़ने लगते हैं


और एकाएक समय की मांग समझौतों की एक कड़ी साथ लाती है ,

तब ये मन एकांत में कहता है “चल यार !! एक बार और सही ”

यही से शुरू होती है , एक उस आदमी की कहानी

जिसमे बचा कुछ ख़ास नहीं , और जो रहा वो आत्मविश्वास नहीं


अपनी राय देने में भी हम प्रधानमंत्री है

क्योकि मंत्री तो कोई बने रहना ही नहीं चाहता

नसीहतें और आरोप सभी देते हैं

पर अपने आप में बदलना कोई नहीं चाहता


पूरा सिस्टम ख़राब है , ये कहना आसान है

पर कभी सोचा , इसका कारण हम सभी महानुभाव हैं

नियमों का पालन कोई करना नहीं चाहता

सब में अपनी अकड़ और ताव है


दूसरों पर बीतती है , तो दूर खड़ा रहकर देखना अच्छा लगता है

पर जब खुद पर आती है , तो वही व्यक्ति मदद की राह ताकता है

कब सुधरेंगे और सीखेंगे हम लोग

आज हर फिरंगी हमारी इन्ही सब बातों पर हँसता है

कानून से खिलवाड़ तो एक आदत बन गया है

जान बुझ कर उसे तोड़ने का मन जो बन गया है

सभ्यता से सम्मान कोई करना नहीं चाहता

पैसा अब ईमान पे हावी जो बन गया है


हम पेड़ों से उतना प्यार नहीं करते , जितना उसके नीचे और पीछे करते हैं

हम औरो से सिर्फ मुख पे प्यार दिखाते हैं , पर दिल में जलन का ज्वार रखते हैं

हम ज़िन्दगी में वादे हज़ार करते हैं , पर उन्हें निभाने का नामो -निशाँ नहीं रखते

हम सोचते ज्यादा हैं , पर कुछ कर -गुजरने के प्रयत्नों पर ऐतबार नहीं करते


वक़्त है ..

हम कोई पिछड़े या नासमझ नहीं है

बाकियों से एक कदम आगे ही हैं

पर क्यों मौका दे किसी और को आगे जाने का

वक़्त है संभल के संभालने का

नियमों को अपनी आदतों में ढलने का

हमारे सालाना लिए संकल्पों को बगैर समझौता किये निभाने का


ताकि …गुंजाइश ही न रहे , किसी की हम पर आँख भी उठाने की

संभावनाएं सभी निरस्त हो जाए , हमे किसी भी छेत्र में हराने की


और याद रहे ..

“मंजिलें उन्ही को मिलती है , जिनके सपनों में जान होती है

पंखों से कुछ नहीं होता , हौंसलों से उड़ान होती है ”

Saturday, July 25, 2009

THE WINTER OF MY FROZEN DREAMS

Frankly speaking, it happens every night
that she comes in my dream...
i just want nap to rest but
she stretches them and makes them a fairy night by her apppearance
and i remain restless...throughout !!!

You know when I look at her,so what virtually
I see something I like very much
and you know what it is…
I am breathless with anticipation…
I see myself...my image..

she might not even know that i feel her fragrance in every breath i inhale
i don't know whether she holds the key of my blocked mind
but she definitely owns something like that
which mesmerizes me...every time i look at her
but i wonder every time when she appears
why my dreams become standstill
hard rock like an ice cube..
which melts very slowly
after every sight that she throws at me rarely

i want those moments back
that i lost in running hard to find where she hails from
but i know i cant...
to compensate that i do a trick
and open my gate of imagination to portrait her
in my mind...on my soul rather
but she skips from the window of reality
to save her distinction of beauty and most probably to appear again

The only things that was common in b/w was
neither of us know about each other…
till now, i am merely a perfect stranger
but let me tell you..
Real jewelery wears fake smile
her innocent smile is her real beauty..
which constantly questions my doubts..
how can she be the end of my lost souls' search

my attached doubts were...
whether from that moment onwards
is she the only one remained to be achieved in life
is she an angel..or just my imagination
but fear is...as i have come a long way...
now there is only one person who can understand me and solve my doubts
and the dream is the only one place to look for the solution
Only hint remained was…
she will be appearing again in my dreams
i am desperate to unlock her mystery
as she is my Comfort and an access to the paradise

you know ...sometimes tongue runs ahead of our brains
i out cried her name several times..
to ask her ...to respond at least once
but she didn't listen..neither responded
probably because i was using different names to call her...
she then smiled and just faded
she took me as if i like getting hurt...
had it been a reality...but that was a dream
Na...Naah !!! i better call it
FROZEN DREAM

lets observe..
dreams come daily..but what if they remain standstill
what if they didn't melt with your melting emotions..
they can be recalled the very next day...but not completely
so they are like ice-cubes not that transparent like water
but what if the temperature falls...
and just like this, several questions remained unanswered..
to be answered only by her
so have to wait for next summer vacations
to roam around with her in the world of dreams
let me call the time period that i have been through...

"THE WINTER OF MY FROZEN DREAMS"

Tuesday, July 7, 2009

वहां एक मजार भी होगी










एक गुलाब किसी को देकर उसे अपना बनाना चाहता था

पर वो ख़ुद मेरी भलाई के लिए मुझसे दूर जाना चाहता था

दौड़ा था उसे देख मैं उसकी ओर उसे वो फूल देने के लिए

बस कुछ पल और होते...

कुछ पल मेरे पास उसे कुछ कहने के लिए

कुछ पल उसके पास मेरे करीब रहने के लिए

पर पल ......कुछ तो और होते …


वो ढेह गए हमारी बाँहों में एक आखरी सहारे के लिए

रह गए हम तनहा उसके पास बेसहारा जीवन के आखरी किनारे के लिए

दम कम था हाथों में ...उनको सहारा देने के बाद

वो फूल जा पड़ा...हाथों से फिसलकर उसके बदन पे ...बनकर एक याद


बैठा मैं सोचता रहा की शायद यही अंत है

मेरे सच्चे प्यार का ,

उसका ख्याल जब जब मेरे जहन में आता जा रहा था

वो फूल मेरे हाथों से दबा जा रहा था

आपने शब्नमो से भीगते गुलाब को तो खूब देखा होगा

उस दिन एक गुलाब मेरे आंसुओं से भी नहाया था

जिसे देखने के लिए एक आंसू और निकल के आया था

फ़िर सोचा , शायद किसी को सब कुछ नहीं मिलता

और सिर्फ़ चुभने के लिए कोई फूल नही खिलता


जानता नहीं की वो मेरा खून था या गुलाब का रस

जानता हूँ पर इतना की दर्द मेरा अपना था ,

फ़िर चाहे वो काँटों की चुभन से आया हो

या दबी तड़प को एक टूटा दिल घसीट के बाहर लाया हो


आज उस जगह न वो होगी और न मैं

न वो गुलाब होगा और न मेरे आंसू

पर गुजरोगे जब -जब एक और प्रेम कहानी यादगार होगी

और ढूंढोगे दिल से तो एक वफ़ा की मजार भी होगी