एक गुलाब किसी को देकर उसे अपना बनाना चाहता था
पर वो ख़ुद मेरी भलाई के लिए मुझसे दूर जाना चाहता था
दौड़ा था उसे देख मैं उसकी ओर उसे वो फूल देने के लिए
बस कुछ पल और होते...
कुछ पल मेरे पास उसे कुछ कहने के लिए
कुछ पल उसके पास मेरे करीब रहने के लिए
पर पल ......कुछ तो और होते …
वो ढेह गए हमारी बाँहों में एक आखरी सहारे के लिए
रह गए हम तनहा उसके पास बेसहारा जीवन के आखरी किनारे के लिए
दम कम था हाथों में ...उनको सहारा देने के बाद
वो फूल जा पड़ा...हाथों से फिसलकर उसके बदन पे ...बनकर एक याद
बैठा मैं सोचता रहा की शायद यही अंत है
मेरे सच्चे प्यार का ,
उसका ख्याल जब जब मेरे जहन में आता जा रहा था
वो फूल मेरे हाथों से दबा जा रहा था
आपने शब्नमो से भीगते गुलाब को तो खूब देखा होगा
उस दिन एक गुलाब मेरे आंसुओं से भी नहाया था
जिसे देखने के लिए एक आंसू और निकल के आया था
फ़िर सोचा , शायद किसी को सब कुछ नहीं मिलता
और सिर्फ़ चुभने के लिए कोई फूल नही खिलता
जानता नहीं की वो मेरा खून था या गुलाब का रस
जानता हूँ पर इतना की दर्द मेरा अपना था ,
फ़िर चाहे वो काँटों की चुभन से आया हो
या दबी तड़प को एक टूटा दिल घसीट के बाहर लाया हो
आज उस जगह न वो होगी और न मैं
न वो गुलाब होगा और न मेरे आंसू
पर गुजरोगे जब -जब एक और प्रेम कहानी यादगार होगी
और ढूंढोगे दिल से तो एक वफ़ा की मजार भी होगी
आपकी कोमल भावनाएं अच्छी लगीं !
ReplyDeleteलिखते रहिये ... पुनः आऊंगा !
शुभकामनाएं !
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
umda
ReplyDeletewaah!
wah!narayan narayan
ReplyDeleteहिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteLikha to bahut hi achcha hai.........I know this person since last 15 years magar yeh nahi pata tha ki ismien itna bada writer chupa baitha hai...
ReplyDeletegood keep it up buddy
सुंदर रचना है आपकी। भावनाओं को अच्छे व्यक्त किया
ReplyDeleteImpressive ...keep rolling
ReplyDeleteबेहतर भावाव्यक्ति...
ReplyDeleteशुभकामनाएं..
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeletesharma ji...aapne ne to poora dil nikalkar bahar rakh diya hai...superb...ek premi aur premika ki isse behtar mishal aur kya ho sakti hai...lagta hai mano ye ek kavita nai koi scene aankho ke samne chal raha hai.....ek ek word me aapke pyaar jhalak raha hai.....gr88.....umeed hai aap aage bhi aise hi umda kavitaya likhte rahenge...."DHARMVIR"
ReplyDeletebhai.....chedd chedd maara hai...emotional gadar ise hi kehte hai....
ReplyDeleteWaah Jigu.. Achi kavita hai.. lekin itna Dard-e-dil ho aap, ye nahi pata tha :)
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